चुकंदर ठंडा होता है या फिर गर्म? जानें इसका सेवन करने का सही तरीका क्या है?

शरीर को डिटॉक्स करने के लिए प्राकृतिक तरीके अपनाना सबसे अच्छा और सुरक्षित विकल्प होता है। डिटॉक्स का मतलब शरीर से टॉक्सिन यानी विषैले पदार्थ निकालना और अंगों को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करना है।
पर्याप्त पानी पीना बहुत जरूरी है। रोज़ाना 8-10 गिलास पानी पीने से शरीर से टॉक्सिन बाहर निकलते हैं। सुबह गुनगुने पानी में नींबू का रस मिलाकर पीने से पाचन बेहतर होता है। नारियल पानी, हर्बल टी और डिटॉक्स वॉटर भी फायदेमंद होते हैं।
नेचुरल और हेल्दी फूड्स का सेवन करें। ताजे फल, सब्जियां और फाइबर युक्त भोजन जैसे ओट्स, ब्राउन राइस और हरी सब्जियाँ खाने से आंतें साफ रहती हैं। हल्दी, अदरक, लहसुन और पुदीना शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं।
हफ्ते में एक या दो दिन हल्का भोजन या फलाहार करना शरीर को प्राकृतिक रूप से साफ करता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग यानी 12 से 16 घंटे बिना खाना खाए रहना शरीर की सफाई में फायदेमंद होता है।
नियमित व्यायाम और योग करें। पसीने के ज़रिए शरीर के विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं, इसलिए रोज़ाना एक्सरसाइज करें। सूर्य नमस्कार, कपालभाति और अनुलोम-विलोम प्राणायाम शरीर को अंदर से साफ करने में मदद करते हैं।
ग्रीन टी और हर्बल ड्रिंक्स भी डिटॉक्सिफिकेशन में सहायक होते हैं। अदरक-नींबू की चाय, धनिया पानी और एप्पल साइडर विनेगर डाइजेशन सुधारते हैं और शरीर को साफ करते हैं।
अच्छी नींद लेना भी बहुत जरूरी है। कम से कम सात से आठ घंटे की गहरी नींद शरीर को रिपेयर और डिटॉक्स करने में मदद करती है।
जंक फूड, ज्यादा चीनी, कोल्ड ड्रिंक्स और कैफीन से बचना चाहिए, क्योंकि ये शरीर में टॉक्सिन बढ़ाते हैं और डिटॉक्सिफिकेशन प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं।
तेल मालिश और स्टीम बाथ भी शरीर से विषैले तत्व निकालने में मदद करते हैं। नारियल या सरसों के तेल से बॉडी मसाज करने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और शरीर से गंदगी बाहर निकलती है।
अगर आप ये तरीके अपनाते हैं, तो आपका शरीर स्वाभाविक रूप से डिटॉक्स होगा और आप ज्यादा हेल्दी और एनर्जेटिक महसूस करेंगे।